कॉल करना है और अचानक ही आपके स्मार्टफोन की बैटरी ने धोखा दे दिया। ये समस्या आम है और इससे निजात पाने के लिए अब तक आपने तरह-तरह के उपायों के बारे में जाना, सुना और पढ़ा होगा। घर पहुंचते ही अपने फोन को चार्ज पर लगा देना और अगले दिन सुबह तक उसे चार्ज करते रहना, यह सबसे अच्छा विकल्प नहीं है। हम भी आपको कुछ ऐसे ही नुस्खों के बारे में बताएंगे जिनके जरिए बैटरी की लाइफ को बेहतर बनाया जा सकता है। और मजेदार बात यह कि ये उपाय स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों द्वारा ही सुझाए गए हैं।
1. अपने फोन को ज्यादा गर्म होने से बचाएं
स्मार्टफोन का ज्यादा गर्म होना लिथियम इयॉन बैट्रीज के लिए बेहद ही खतरनाक है। Xolo की रिसर्च एंड डेवलपमेंट टीम बताती है कि आपको अपने फोन को सीधे धूप से बचाना चाहिए। दिन में ड्राइव करते वक्त कार के डैशबोर्ड पर मोबाइल को छोड़ना खतरे से खाली नहीं है। हाई ग्राफिक्स वाले गेम्स खेलते वक्त फोन को चार्ज करने से भी बचना चाहिए। इन कारणों से बैटरी ज्यादा गर्म होती है जो फोन के लिए खतरनाक है। OnePlus के एक प्रोडक्ट मैनेजर के मुताबिक, किसी भी मोबाइल को चार्ज करने का माकुल तापमान 20 से 30 डिग्री सेल्सियस है।
2. चार्जिंग के वक्त फोन का इस्तेमाल नहीं करें
चार्जिंग के वक्त फोन के इस्तेमाल से बचना चाहिए। तकनीकी तौर पर इसे पैरासाइटिक चार्जिंग कहते हैं। फोन को ऐसे इस्तेमाल करना बेहद ही घातक साबित हो सकता है। Xolo का कहना है, ''इससे बैटरी पर दबाव पड़ता है जिस कारण से बैटरी फुल चार्जिंग साइकिल में नहीं पहुंच पाता है। नतीजतन बैटरी को नुकसान होता है।''
3. नकली चार्जर का इस्तेमाल नहीं करें
Xolo की ओर से एक अहम सुझाव यह भी है कि फोन को चार्ज करने के लिए कंपनी द्वारा दिए गए चार्जर का ही इस्तेमाल करें। अगर आपके फोन में क्विक चार्जिंग का फंक्शन है तो ऐसा करना बेहद ही अहम हो जाता है। इस मोबाइल कंपनी का कहना है कि हाई कैपिसिटी चार्जर आपकी बैटरी को चंद मिनटों में 70 फीसदी तक चार्ज तो कर देंगे, लेकिन यह ऑप्टमाइज्ड न हो तो बैटरी को नुकसान भी हो सकता है।
Xolo की रिसर्च एंड डेवलपमेंट टीम ने हमें बताया कि कंपनी द्वारा तय ऑप्टिमम करंट से ज्यादा के इस्तेमाल से बैटरी सेल्स की चार्ज रिटेंशन कैपिसिटी धीरे-धीरे कम होती जाती है। इसलिए झटपट चार्ज करने के लिए थर्ड पार्टी चार्जर्स के इस्तेमाल से बिल्कुल बचें। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप कौन सा फोन इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन 50,000 रुपये के स्मार्टफोन के लिए सड़क किनारे से खरीदे 50 रुपये वाले चार्जर का इस्तेमाल करने का कोई तुक नहीं बनता।
इससे बैटरी को तो नुकसान पहुंचता ही है और संभव है कि यह किसी दुर्घटना का कारण भी बन जाए। Apple ने तो अपने कस्टमर्स के लिए थर्ड पार्टी चार्जर ट्रेड इन प्रोग्राम चलाया था, इसके जरिए कंपनी सुनिश्चित करना चाहती थी कि उसके कस्टमर्स सिर्फ ऑरिजनल चार्जर्स का इस्तेमाल करें।
4. शून्य और 100, ये कोई जादूई आंकड़ा नहीं
OnePlus के प्रोडक्ट मैनेजर के मुताबिक, आपको अपने नए फोन को पूरी तरह से चार्ज करने की जरूरत नहीं है क्योंकि जब आप उसे खरीदते हैं तब उसकी बैटरी पहले से ही चार्ज होती है। आप सीधे इसका इस्तेमाल शुरू कर सकते हैं, एक बार जब बैटरी खत्म हो जाए तो फिर उसे पूरी तरह चार्ज कर लें।
वहीं, दूसरी तरफ अगर संभव हो तो आप अपने फोन की बैटरी को पूरी तरह से खत्म नहीं होने दें। OnePlus के प्रतिनिधि ने बताया, ''अगर संभव है तो अपनी बैटरी को पूरी तरह से खत्म नहीं होने दें। जैसे ही आपके फोन में सिर्फ 10 फीसदी बैटरी बची हो उसे चार्ज पर लगा दें। इससे बैटरी की लाइफ बढ़ती है।''
5. फोन को पूरी रात चार्ज पर नहीं रहने दें
वैसे फोन को पूरी रात चार्ज पर रखने से कोई बड़ा नुकसान तो नहीं होगा, लेकिन संभावना है कि आपकी बैटरी की लाइफ थोड़ी कम पड़ जाए।
Xolo का कहना है, ''एक बार स्मार्टफोन की बैटरी का वोल्टेज अपनी कैपसिटी के बराबर पहुंच जाता है तो यह खुद ही चार्ज होना बंद हो जाता है।'' इस पर OnePlus के प्रोडक्ट मैनेजर ने भी सहमति जताते हुए कहा, ''बैटरी पूरी तरह से चार्ज होने के बाद भी उसे फोन में लगे रहने देना में गलत नहीं है। इससे बैटरी को नुकसान नहीं होता।''
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